जल शक्ति अभियान मिशन – हर घर जल योजना (राष्ट्रीय जल संरक्षण योजना) निबंध स्लोगन जल शक्ति अभियान पोर्टल [Jal Shakti Abhiyan – Har Ghar Jal Scheme in hindi] (National Water Conservation Scheme)
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल की समस्या बहुत पुरानी हैं, लेकिन सरकार अब तक इस दिशा में कोई बड़ा कदम नहीं उठा सकी थी. भारत में आज भी करोड़ों लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं. पानी की कमी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में जनता को सरकार द्वारा भेजे गए पानी के टैंक पर ही निर्भर रहना पड़ता हैं. बहुत सारे राज्यों में इस तरह की समस्या आने पर केंद्र सरकार ने मुद्दे की महत्ता को समझते हुए एक नयी योजना की शुरुआत की हैं, जिसका नाम जल शक्ति अभियान – हर घर जल योजना हैं.
Table of Contents
जल शक्ति अभियान (हर घर जल योजना)
योजना का नाम (Name of the scheme) | जल शक्ति अभियान (हर घर जल योजना) |
कहां लांच हुयी? (Launched in) | भारत |
किसके द्वारा लांच की गयी (Launched by) | नरेंद्र मोदी |
किसने घोषणा की (Announced by) | गजेन्द्र सिंह शेखावत |
योजना का उद्देश्य (Aim of the scheme) | जल संरक्षण |
योजना की घोषणा (Date of announcement) | जुलाई 2019 |
जल शक्ति अभियान पोर्टल | अभी नहीं |
हर घर जल योजना की मुख्य विशेषताएं (Key features of the Har Ghar Jal Scheme)
जल अभाव को कम करना –
भारत एक ऐसा देश हैं जहां जनसंख्या विस्फोट और बढ़ते औद्योगिकरण के कारण जल संसाधनों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं. अभी तक यहाँ लोग भूमिगत जल का ज्यादा उपयोग करते थे, लेकिन इनके संरक्षण का कोई उपाय नहीं किया गया, इसलिए पर्यावणविदों और वैज्ञानिकों का कहना हैं कि यदि जल्द ही पानी को प्रदूषित होने से नहीं रोका गया तो जल के प्राकृतिक स्त्रोत समाप्त हो जायेंगे. इस योजना को कई भागों में विभाजित किया गया हैं जिससे कि पानी खराब होने से रोका जा सके और जल संरक्षण पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया जा सके.
शुरुआत की जाएगी –
केंद्र सरकार जल संरक्षण के लिए नये मार्ग निकालेगी और बरसात के पानी को पुरे देश में संरक्षित करने पर जोर दिया जाएगा. छोटे और बड़े जलाशयों को भी इस शुरूआती लिस्ट में शामिल किया गया हैं, साथ ही वनीकरण मतलब ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण से और वाटर शेड सिस्टम से भी जल स्तर में वृद्धि होगी.
संकटग्रस्त क्षेत्रों की संख्या –
केंद्र सरकार ने एक ऐसी रिपोर्ट पेश की हैं जो कि पानी के सम्बंध में देश की विकट स्थिति को पेश करती हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार 21 शहरों के लिए 2020 तक भूजल बिलकुल नहीं बचेगा. रिपोर्ट में 255 जिलों को हाई रिस्क जोन में रखा गया,जहां पहले से पानी के सप्लाई की कमी हैं.
जलाशयों का पुनरुत्थान–
राज्य सरकारें प्राकृतिक जलाशयों जैसे झील, तालाब, कुंए और नदियों का संरक्षण नहीं कर पा रही हैं जबकि पर्यावर्णविदों ने कई बार इन जलाशयों में कम होते जल स्तर के बारे में राज्य सरकारों को चेताया हैं. यदि इन जलाशयों का सही तरीके से संरक्षण किया जाए तो जल की कमी को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं. जलाशयों का उपयोग ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जला आपूर्ति में किया जा सकता हैं.
खराब पानी का उपयोग –
असंक्रमित पानी का पुन:उपयोग योजना की मुख्य विशेषता हैं. यह शहरी क्षेत्रों को ध्यान में रखकर तय किया गया हैं, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा जल के पुनर्चक्रण(रिसायकलिंग) प्लांट पर काम करना होगा. इस तरह उपचारित पानी हानिकारक भी नहीं होगा और यह घरों तक सीधे पाइपलाइन द्वारा पहुंचाया जाएगा.
किसानों को शिक्षा –
इस योजना के अंतर्गत किसानों को जल संरक्षण के लिए शिक्षित भी किया जाएगा उन्हें बिना जल बर्बाद किये होने वाली आधुनिक सिंचाई तकनीक से भी अवगत करवाया जाएगा. पूरी तरह जलाशयों पर निर्भर रहने के स्थान पर उन्हें वर्ष भर के लिए जल का संरक्षण करना और उसका सिंचाई में अधिकाधिक उपयोग करने की तकनीक भी सिखाई जायेगी.
उद्योगों की राशनिंग–
बड़े उद्योगों की स्थापना से जल के उपयोग की सम्भावना बहुत बढ़ जाती हैं जिसके कारण उप-सतही जल को सिंचित करना मुश्किल हो जाता हैं. केंद्र सरकार निकट भविष्य में उद्योगों के पानी उपभोग से राशन लेगी.
योजना की देखभाल करने वाला विभाग –
मंत्री ने ये भी घोषणा की कि केंद्र सरकार के तीन विभाग जल शक्ति अभियान में सहयोग करेंगे. जल संसाधन विभाग मामले की जटिलता को देखते हुए पर्यावरण विभाग से सहयोग प्राप्त करेगा, इसके अतिरिक्त उन्हें कृषि मंत्रालय से भी सहायता मिलेगी.
योजना से जुड़े संस्थान–
केंद्र और राज्य सरकार को इस योजना को सफल बनाने के लिए समाज के सभी हिस्सों से सहायता की आवश्यकता होगी. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए जागरूकता लानी अनिवार्य हैं ,इसके लिए महत्वपूर्ण आंकड़े और जानकारियां लोगों को मामले की जटिलता समझने में मदद करेगी, जब उन्हें समझ आएगा कि पानी की कमी के कारण उनका अस्तित्व खतरे में हैं, तब वो इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे. इसलिए इस कार्यक्रम में स्कूल और कॉलेज के छात्रों को जोड़ा जाएगा. कुछ पर्यावरण केंद्र और एनजीओ से भी आवश्यक मदद ली जायेगी. आईआईटी के इंजिनियर के अनुभव भी काम में लिए जायेंगे जिससे कि वो जल संरक्षण की तकनीक में मदद कर सके. नेशनल कैडेट कॉर्प्स, नेहरु युवा केंद्र संगठन और कुछ अन्य संस्थाएं भी इस योजना में सहयोगी सिद्ध होगी.
योजना का कार्यकाल –
मंत्रीजी ने ये घोषणा भी की हैं कि योजना को सफल बनाने के लिए बहुत कम समय हैं, और बहुत कम समय में इस योजना को पूरा किया जाएगा, मतलब कि जल शक्ति अभियान को पांच वर्षो में पूरा कर दिया जाएगा, क्योंकि अब भूजल संरक्षण का यही एक मात्र तरीका हैं.
जल शक्ति अभियान का राजनैतिक महत्व (Political importance of Jal shakti abhiyan scheme)
- अक्टूबर 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआता की थी तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये मुद्दा 2019 के इलेक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि तब स्वच्छ भारत एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं था,लेकिन इसकी आवश्यकता थी, और इस तरह के प्रयास ने भारत के लोगों को बेहद प्रभावित किया.
- जैसे स्वच्छ भारत अभियान भारत के ग्रामीण क्षेत्रों को भी ध्यान में रखकर शुरू किया गया था वैसे ही 2019 के बजट में भी ग्रामीण क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखा गया हैं. वर्तमान बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं जिनमें इस योजना को भी शामिल किया गया हैं.
जल शक्ति अभियान योजना बजट (Budget and Jal Shakti abhiyan scheme)
- 2019 में केंद्र सरकार द्वारा दिए गये बजट का पूरा फोकस 2022 तक प्रत्येक घर को उज्ज्वला योजना और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के तहत गेस कनेक्शन और पॉवर सप्लाई करना हैं. सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 1.95 करोड़ घर बनवाने का का लक्ष्य भी निर्धारित किया हैं. इसके अलावा जो सबसे मुश्किल और महत्वकांक्षी लक्ष्य 2024 तक समस्त घरों को जल सप्लाई करना हैं.
- वित्त मंत्री सीतारमण ने जल शक्ति अभियान पर जोर देते हुए कहा कि हर घर जल कार्यक्रम पर फोकस करना जरुरी हैं, इसके लिए सरकार को पूरे भारत में जल की समस्या से जूझते 256 जिलों में से1,592 ब्लॉक्स पहचानने होंगे. जीरो बजट वाली खेती, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वयं सहायता समूह जैसे उपायों से ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ मिलेगा.
योजना को पूरी करने में आने वाली समस्याएं (Obstacles in completion of this scheme)
- पूरे देश का भविष्य इस योजना के सफल क्रियान्वयन पर निर्भर करता हैं. हालाँकि केंद्र सरकार इस योजना को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. लेकिन अब भी बहुतों को लगता हैं कि इस योजना के लिए काफी देरी हो चुकी हैं. इसके अतिरिक्त मुख्य समस्या उद्योगपतियों से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाना मुश्किल हैं.
- योजना की शुरुआत में ही सप्लाई के लिए पर्याप्त जल नहीं हैं क्योंकि 50 प्रतिशत से भी ज्यादा भारत में कृषि कार्य प्रमुखता से किया जाता हैं. नीति योग की एक रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक 21 शहरों में भूजल समाप्त हो जाएगा, रिपोर्ट के अनुसार 100 मिलियन लोग के पास शुद्ध पेय जल नही होगा,मतलब पांच वर्षों के बाद सरकार पूरे देश को कहां से जल सप्लाई करेगी,ये एक चिंता का विषय हैं.
- जल सम्बंधित योजना के लिए केंद्र-राज्य के मध्य सामंजस्य की आवश्यकता हैं,इसके अतिरिक्त सरकार ये भी चाहती हैं कि इसमें समाज के सभी वर्ग अपना योगदान दे.
- ये सच हैं कि उद्योगों में पानी की राशनिंग से उद्योगों के निजी लाभ में कमी आएगी. उद्योगपति केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे लेकिन केंद्र सरकार को किसी भी दबाव में आए बिना इस योजना को सफल बनाने की कोशिश करनी चाहिए. पीने योग्य पानी की समाप्ति पर जीवन बचाना मुश्किल हो जाएगा.
इस तरह से ये तय हैं कि सरकार के सामने इस योजना को सफल बनाना किसी चुनौती से कम नहीं हैं लेकिन यदि सरकार अपना वादा पूरा कर पाती हैं तो तय हैं की सरकार को स्वच्छ भारत अभियान से जितनी सफलता मिली उससे कई ज्यादा बड़ी सफलता मिलेगी, और ये सफलता भारत के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी.
Other links –
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
- आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना
- घर घर रोजगार पंजाब रजिस्ट्रेशन
- श्रमिक कार्ड फॉर्म मध्यप्रदेश
Jal Sakti yojna se judna hai