हिमाचल प्रदेश सहारा योजना क्या है? (HP Sahara yojana in Hindi 2023 [पात्रता, आवेदन फॉर्म प्रक्रिया, पंजीयन, आर्थिक सहायता 2000rs]
भारत में कई ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग हैं जिन्हें सहारे की जरुरत होती है. खास कर जब वे किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे होते हैं. उनके हालात ऐसे नहीं होते कि वे अपनी बीमारी का ईलाज करवा पाए, जिसके कारण ऐसे लोगों की मृत्यु की दर भी बढ़ती जा रही है. किन्तु हिमाचल प्रदेश सरकार ने ऐसे लोगों को सहारा देने के लिए एवं उनकी आर्थिक रूप से मदद करने के लिए एक योजना को शुरू किया हैं वह योजना ‘हिमाचल प्रदेश सहारा योजना’ है. इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को उनकी बिमारियों का ईलाज करने के लिए प्रतिमाह कुछ वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. इस योजना को कब और किन विशेषताओं के साथ शुरू किया गया है इसके बारे में जानकारी इस प्रकार है.
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हिमाचल प्रदेश सहारा योजना
नाम | हिमाचल प्रदेश सहारा योजना |
लांच | जुलाई 2019 |
घोषणा | विपिन सिंह परमार (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री) |
शुरुआत | जुलाई, 2019 से |
पहले चरण में बजट | 14.40 करोड़ रूपये |
लाभार्थी | आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग |
संबंधित विभाग | स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग |
आर्थिक सहायता | 24,000 रूपए सालाना |
हिमाचल प्रदेश सहारा योजना के लाभ एवं कुछ विशेषताएं (Scheme Benefits and Some Silent Features)
- गरीब एवं असहाय लोगों को सहायता :- राज्य के ऐसे व्यक्ति जो गरीब हैं एवं असहाय हैं, उनके पास पैसों की इतनी कमी होती हैं कि वे अपनी गंभीर बीमारी का ईलाज भी नहीं करा पा रहे हैं उन्हें सहारा देने के लिए इस योजना का शुभारंभ किया गया है.
- वित्तीय सहायता :- राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को उनकी बीमारी के लिए प्रतिमाह 2,000 रूपये दिए जाने का प्रावधान इस योजना में किया जा रहा है.
- अन्य सहायता :- इस योजना में हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार लाभार्थियों को ना सिर्फ वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि इसके तहत राज्य के सरकारी अस्पतालों में लाभार्थियों को मुफ्त में ईलाज की सुविधा भी दी जाने वाली है. यह सुविधा अब तक राज्य में आयुष्मान भारत और हिमकेयर जैसी स्वास्थ्य योजना के तहत दी जाती थी. और अब यह इस योजना के तहत भी दी जाने वाली है.
- योजना में शामिल होने वाली बीमारियाँ :- इस योजना के अंतर्गत गरीब एवं कमजोर वर्ग के लोग पार्किंसन, घातक कैंसर, पैरालिसिस, मांसपेशियों की डिस्ट्रोफी, हेमोफिलिया, थैलेसीमिया, कुछ किडनी की बीमारी या इसी तरह की किसी अन्य बीमारी जिससे व्यक्ति बुरी तरह से विकलांग या अपांग हो जाते हैं, से पीढित है. तो ऐसी विभिन्न खतरनाक बीमारियों से पीड़ित होने पर लाभार्थियों को इस योजना में लाभ दिए जाने का फैसला किया गया है.
- पहले चरण में लाभार्थी :- इस योजना को कुछ चरणों के आधार पर लागू किया जाने का प्रावधान रखा हैं. इसके पहले चरण में कम से कम 6,000 मरीजों को लाभ प्रदान किया जायेगा जो कि इन गंभीर बिमारियों के शिकार हैं.
- पहले चरण में कुल संस्थान :- इस योजना के पहले चरण में राज्य की 12 संस्थानों को शामिल किया गया है, जिसमें राज्य का सबसे प्रसिद्ध अस्पताल ‘इंदिरा गाँधी स्वास्थ्य इंस्टीट्यूट एवं अस्पताल’ का नाम भी शामिल है. इसके साथ ही इसमें राज्य के कुछ जिला अस्पतालों को भी जोड़ा गया है. इन सभी संस्थान एवं अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं लाभार्थियों को प्रदान की जाएगी.
- ऑनलाइन मोनिटरिंग :- इसके साथ ही लाभ प्राप्त करने वाले मरीजों को रेफर करने की ऑनलाइन मोनिटरिंग का भी प्रावधान इस योजना में रखा गया हैं.
- मोबाइल डायग्नोस्टिक वैन :- इसके अलावा राज्य में स्तन और सर्जिकल कैंसर जैसी बीमारी के उपचार के लिए मोबाइल डायग्नोस्टिक वैन को भी तैनात किया जा रहा है. यह मोबाइल वैन राजकीय मेडिकल कॉलेजों के साथ मिलकर इन बिमारियों को रोकने का काम करेगी.
- एचआईवी / एड्स से पीढित व्यक्ति :- ऐसे व्यक्ति जो एचआईवी / एड्स से पीड़ित है राज्य में उनकी संख्या लगभग 4,200 हैं, उन्हें सरकार द्वारा प्रतिमाह 1,500 रूपये का अतिरिक्त लाभ दिया जायेगा.
- राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित :- इस योजना में वित्तीय सहायता का पूरा खर्च यानि की 100 % खर्चा राज्य सरकार द्वारा किया जाना है. और इसमें दी जाने वाली राशि लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा की जा सकती है.
हिमाचल प्रदेश सहारा योजना में पात्रता (Eligibility Criteria)
- हिमाचल प्रदेश का रहने वाला :- इस योजना में जिन्हें लाभ दिया जाना है वह भारत के सबसे ठंडे राज्यों में से एक हिमाचल प्रदेश का मूल रूप से रहने वाला होना चाहिए.
- आर्थिक रूप से कमजोर :- इसे व्यक्ति जो समाज के ऐसे क्षेत्र से संबंध रखते हैं, जोकि वित्तीय रूप से बेहद कमजोर होते हैं, और गरीबी रेखा से भी नीचे आते हैं. उन्हें ही इस योजना में वित्तीय सहायता एवं ईलाज की सुविधा मिल सकेगी.
- आय सीमा :- ऐसे परिवार के सदस्य जोकि बीमारी के शिकार हैं, और उनके पूरे परिवार की पूरे वर्ष में कुल कमाई 4 लाख रूपये या उससे कम है. उन्हें इस योजना में शामिल किया जायेगा.
- डायग्नोसिस वाले व्यक्ति :- यदि ऐसे व्यक्ति जो डायग्नोसिस पर हैं उन्हें भी इस योजना में शामिल किया गया हैं लेकिन उन्हें इसका सबूत देना आवश्यक है.
हिमाचल प्रदेश सहारा योजना में आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Himachal Pradesh Sahara Scheme Required Documents for Application)
- स्थायी प्रमाण पत्र :- लाभार्थियों को अपने स्थायी निवास का प्रमाण देने के लिए स्थायी निवास का प्रमाण पत्र यानि कि मूलनिवासी प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य है.
- आधार कार्ड या पहचान पत्र :- किसी भी योजना में आवेदन करते समय लाभार्थी की पहचान बहुत आवश्यक होती हैं. इसलिए उन आवेदकों को अपनी पहचान के लिए आधार कार्ड जैसे कुछ पहचान प्रमाण पत्र की आवश्यकता भी पड़ेगी.
- ट्रीटमेंट का रिकॉर्ड :- योजना का लाभ लेने के लिए शामिल होने वाले लाभार्थी मरीजों को अपनी बीमारी का रिकॉर्ड दिखाना भी आवश्यक है.
- जन्म प्रमाण पत्र :- जन्म प्रमाण पत्र इस योजना के आवेदन के लिए इसलिए आवश्यक हैं क्योंकि इसमें यह साबित होगा कि उसकी उम्र कितनी है, और साथ ही यह भी कि उन्हें कितने सालों से वह बीमारी है.
- आय प्रमाण पत्र :- चूकि इस योजना में अत्यंत ही कमजोर क्षेत्र से संबंध रखने वाले लोगों को वित्तीय सहायता दी जा रही हैं इसलिए उन्हें अपना आय का प्रमाण पत्र फॉर्म में अटैच करना होगा.
- बैंक डिटेल्स :- इस योजना में जो वित्तीय राशि प्रदान की जानी हैं वह राज्य सरकार लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रान्सफर करेगी. इसलिए उन्हें अपने बैंक खाते से संबंधित कुछ जानकारी भी देनी होगी.
- पासपोर्ट आकार की फोटो :- आवेदन फॉर्म में पासपोर्ट आकार की फोटो लगाना आवश्यक होता है, तो आवेदक अपनी एक फोटो जोकि पासपोर्ट आकार की होगी, अवश्य अपने पास रखें क्योंकि इसकी जरुरत आपको इस योजना के आवेदन फॉर्म को भरते वक्त पड़ेगी.
हिमाचल प्रदेश सहारा योजना में आवेदन कैसे करें (How to Apply in Himachal Pradesh Sahara Scheme)
हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार द्वारा शुरू की है इस स्वास्थ्य योजना में लाभार्थियों के लिए आवेदन करने की सुविधा को ऑफलाइन रखा गया हैं. आपको बता दें इस योजना का लाभ उठाने के लिए और आवेदन करने के लिए आपको को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है. दरअसल इस योजना के लिए आशा वर्कर्स (ASHA Workers) एवं आंगनबाड़ी वर्कर्स (Aanganwadi Workers) की नियुक्ति की गई है. जिसका यह काम होगा कि वे अपने क्षेत्र के लोगों के घर – घर जाकर इस योजना के लाभार्थियों की पहचान करें, और उन्हें इस योजना का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करें. साथ ही उनका यह भी काम होगा कि वे इस योजना के आवेदन फॉर्म को नजदीकी जिला चिकित्सा अधिकारी के कार्यलय से लाभार्थियों को दिलवाकर उन्हें यह भरने में मदद करें. इसके साथ ही उनके द्वारा कुछ जागरूकता अभियान की चलाये जाने का प्रावधान हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें शामिल हो, और इस योजना लाभ प्राप्त करें. इसके बदले में उन्हें राज्य सरकार द्वारा 200 रूपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से प्रोत्साहन स्वरुप यह राशि प्रदान की जाएगी. और इस तरह से लाभार्थियों का इस योजना में आवेदन भी पूरा हो जायेगा.
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने यह योजना राज्य के घातक बीमारी से पीढित गरीब लोगों को मदद करने के लिए शुरू किया है. और इसके तहत सरकार उनका सहारा बनना चाहती है, ताकि वे अपनी इन बिमारियों से लड़ कर स्वस्थ्य रह सकें.
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