मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह शगुन योजना हरियाणा Mukhyamantri Samajik Samrasta Antarjatiya Vivah Shagun Scheme Haryana (MSSAVSS) Inter caste Marriage
हरियाणा में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग को सामाजिक समरसता दिलाने के लिए उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गयी. यह योजना पूर्व में भी चलायमान थी, परंतु हाल में ही इसमे मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन की अवधी बढाई गयी और अब आवेदक 1 वर्ष की जगह 3 वर्ष तक आवेदन करके इसका लाभ ले सकता है.
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मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह शगुन योजना हरियाणा
यह योजना हरयाणा में 2016 से चल रही है परंतु इसमे 12 जनवरी को कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये है. इस योजना से संबंधित निर्णय हरियाणा के जिला और तहसील कल्याण अधिकारियों की एक बैठक में लिया गया. इस बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने की.
योजना से संबंधित मुख्य बिंदु (Key Features Of The Scheme):
- सांप्रदायिक सौहार्द और पिछडा वर्ग कल्याण इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. इस योजना के द्वारा उन युवा या युवतियों को प्रोत्साहन स्वरुप कुछ राशी दी जाएगी, जिन्होंने पिछड़ा वर्ग में शादी की है.
- इस योजना के अंतर्गत हरियाणा में यदि कोई लड़का या लड़की अनुसूचित जाति में विवाह करता है तो उस जोड़े को इनाम स्वरुप 1.01 लाख की राशी इनाम स्वरुप दी जायेगी.
- इस योजना के संबंध में यह भी निर्देश दिये गये है कि, अगर आवेदक सही समय पर आवेदन कर देता है तो उसे विवाह के सात दिन पूर्व यह लाभ मिल जाये.
- इस तरह के विवाह आयोजन में क्षेत्र के विधायक या अन्य किसी जनप्रतिनिधी को शामिल किया जाना आवश्यक है.
- यह योजना के संबंध में यह भी निर्देश दिये गये है कि, अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना है की इस योजना का लाभ अधिक्तर जरुरतमंद लोगों को मिल सके.
मुख्यमंत्री सामाजिक विवाह समरसता योजना के लिए पात्रता (Eligibility):
- यह योजना अनुसूचित जाति के लिए लांच की गयी है. इसलिए इस योजना में दूल्हा या दुल्हन में से किसी एक का अनुसूचित जाति का होना अनिवार्य है, और दूसरा सामान्य वर्ग का होना चाहिये.
- इस योजना का लाभ लेने के लिए दूल्हा और दुल्हन का हरियाणा का नागरिक होना अनिवार्य है. इसी के साथ दोनों का ही यह प्रथम विवाह होना चाहिये.
अंतरजातीय विवाह के कारण होने वाली हिंसा हरियाणा में आम बात है. हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में इस तरह की कई घटनाएं सामने आती है. इस तरह की हिंसा को रोकने और सांप्रदायिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है. इस योजना के द्वारा अलग-अलग वर्ग के लोगों को एक साथ विवाह बंधन में बांधकर संप्रदायिक एकता विकसित करने का प्रयास किया गया है, आशा करते है की यह प्रयास सफल होगा.
Update
18/5/2018
अब इस योजना के अंतर्गत लाभ्कारियों को प्रोत्साहन राशी बढ़ाकर 2.5 लाख रुपय कर दी गई है. इसे 2 इंस्टालमेंट में दिया जायेगा.
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