डिजिटल एड्रेस कोड क्या है, कार्य, कैसे बनाया जा रहा है, लाभ, नुकसान, अधिकारिक वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर (Digital Address Code India in Hindi) (Work, How is it Create, Benefit, Side Effects, Official Website, Helpline Number)
आधुनिक युग में भारत लगभग हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। खासकर बैंकिंग और डिलीवरी सर्विसेज में भी बहुत उन्नति देखने को मिली है जिसने लोगों के काम को और आसान बना दिया है। ऐसी ही एक और सुविधा भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा उपलब्ध की जा रही है। हम बात कर रहे हैं भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा लाई जा रही ‘डिजिटल ऐड्रेस कोड’ की। डिजिटल एड्रेस कोड भारत के सभी नागरिकों को उनके पते यानी एड्रेस के मुताबिक उपलब्ध कराया जाएगा जिसका महत्व फ्यूचर में आने वाले समय में ऑनलाइन डिलीवरी के साथ-साथ अन्य और प्रकार की सुविधाओं को पाने के लिए भी आसान कर देगा। हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको डिजिटल एड्रेस कोड से जुड़ी सभी जानकारी देंगे।
Table of Contents
डिजिटल एड्रेस कोड (Digital Address Code)
पूरा नाम | डिजिटल एड्रेस कोड |
किसने घोषणा की | भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा |
कब घोषणा हुई | अक्टूबर 2021 |
इस्तेमाल में कब आएगा | जल्द ही |
आधिकारिक वेबसाइट | आने वाले समय में दी जाएगी |
टोल फ्री नंबर | NA |
डिजिटल एड्रेस कोड क्या है (What is Digital Address Code)
‘डिजिटल एड्रेस कोड'(DAC) एक ऐसा यूनिकोड होगा जो भारत के हर नागरिक को उसके घर के एड्रेस यानी उसके पति के हिसाब से दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि भारत के हर मकान का एक अपना यूनिक कोड होगा। जैसे हर घर का अपना एड्रेस होता है वैसे ही आने वाले समय में एड्रेस से ज्यादा मकान को उसके यूनिकोड से पहचाना जाएगा यानी उसके डिजिटल एड्रेस कोड से। ऐसा माना जा रहा है कि यह कोड कुछ आधार कार्ड नंबर जैसा ही होगा।
डिजिटल एड्रेस कोड कैसे करेगा कार्य (How will a Digital Address Code Work)
यदि डिजिटल एड्रेस कोर्ट के कार्य करने की बात करें तो आप इसे टाइप कर या फिर एक qr-code की तरह स्कैन करके अपने घर का लोकेशन निकाल पाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि डिजिटल एड्रेस कोड ऐसे कार्य करेगा जिससे आपको आने वाले समय में बार बार अपने घर का एड्रेस नहीं डालना पड़ेगा यानी आप सिर्फ अपने मकान का डिजिटल एड्रेस कोड डालकर अपने घर की लोकेशन और अन्य जानकारी हासिल कर पाएंगे।
डिजिटल एड्रेस कोड कैसे बनाया जा रहा है (How is it Made)
डिजिटल एड्रेस कोड को बनाने के लिए भारत के सभी एड्रेस यानी पते को आईडेंटिफाई किया जा रहा है। जब सभी घरों का पता लगा लिया जाएगा तब उसे ‘geospatial coordinates’ से लिंक कर दिया जाएगा। ‘geospatial coordinates’ से एड्रेस कॉलिंग करने से उस नागरिक के घर को उसके सड़क या मोहल्ले से नहीं बल्कि एक यूनिक नंबर और अक्षरों वाले कोड से पहचाना जा सकेगा। हालांकि अब तक इस के पक्के होने की कोई बात सामने नहीं आई है और इसका अप्रूवल अब भी होना है जिस पर चर्चा की जा रही है और काम करने की सोच रखी जा रही है।
डिजिटल एड्रेस कोड अधिकारिक वेबसाइट (DAC Official Website)
डिजिटल एड्रेस कोड की अपनी अलग आधिकारिक वेबसाइट के बारे में अब तक कोई सूचना नहीं आई है। इसकी सूचना भारत सरकार द्वारा आने वाले समय में दी जाएगी।
डिजिटल एड्रेस कोड से लाभ (Digital Address Code Benefit)
डिजिटल एड्रेस कोड के लाभ कुछ इस प्रकार होंगे:
- डिजिटल एड्रेस कोड के आने से सभी घरों का ऑनलाइन ऐड्रेस वेरीफिकेशन काफी आसान हो जाएगा क्योंकि इसके लिए नागरिकों को बार-बार हर जगह अपना एड्रेस डालने का की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- स्कूल के माध्यम से ऑनलाइन बैंकिंग, डिजिटल बीमा, ई-केवाईसी जैसी प्रक्रियाएं भी और आसान हो जाएंगी।
- एनबीएफसी कंपनियों की सर्विसेज के लिए डिजिटल एड्रेस कोड बहुत मददगार साबित हो सकता है।
- ऐसा माना जा रहा है कि डिजिटल एड्रेस कोड के आने से फ्रॉड जैसी चीजों पर भी कमी आएगी।
- इस कोड के माध्यम से ई-कॉमर्स कंपनियों की सर्विसेस को पाना भी आसान हो जाएगा।
- यह ऑनलाइन शॉपिंग के समय भी काफी फायदेमंद साबित होगा।
- डिजिटल एड्रेस कोर्ट के माध्यम से नागरिक सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाओं का लाभ भी आसानी से उठा सकेंगे जहां उन्हें अपने घर का एड्रेस वेरिफिकेशन कराना होता है।
- अन्य प्रक्रियाएं जैसे जनगणना और जनसंख्या रजिस्ट्रेशन भी आसान हो जाएगी।
डिजिटल एड्रेस कोड क्यों जरुरी है (Why is it Important)
डिजिटल एड्रेस कोड इसलिए जरूरी हो सकता है क्योंकि यह एक यूनिक एड्रेस कोड होगा जिसका इस्तेमाल काफी आसान होगा और साथ ही साथ यह और भी कई डिजिटल सर्विसेज और वेरिफिकेशन प्रक्रियाओं को आसान कर देगा।
डिजिटल एड्रेस कोड नुकसान क्या है (DAC Side Effects)
वैसे तो डिजिटल एड्रेस कोड अब तक नुकसानदायक नहीं लग रहा है क्योंकि इससे आने वाले समय में बहुत सारी सुविधाओं को प्राप्त करने का यह एक आसान तरीका होगा। मगर जब यह बनकर तैयार हो जाएगा तो हो सकता है इसके आने से कुछ नुकसान भी देखने को मिले जैसे इसको पूरे भारत में पहुंचने में काफी समय भी लग सकता है और भारत के ऐसे कई जगह हैं जहां लोगों तक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता हो सकती है। इसका एक नुकसान यह भी हो सकता है कि जैसे हम अपने घर के एड्रेस को याद रख पाते हैं वैसे ही इस यूनिकोड को याद रख पाना या हमेशा ध्यान में रखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
डिजिटल एड्रेस कोड टोल फ्री नंबर (Toll Free Number)
डिजिटल एड्रेस कोड के टोल फ्री नंबर से जुड़ी कोई भी जानकारी सरकार द्वारा अब तक नहीं दी गई है। हम उम्मीद करते हैं कि इससे जुड़ी जानकारी सरकार अपने नागरिकों तक आने वाले समय में उपलब्ध कराएगी।
FAQ
Q : डिजिटल एड्रेस कोड क्या भारत के सभी नागरिकों के एड्रेस के लिए होगी?
Ans : हां।
Q : क्या डिजिटल एड्रेस कोड भारत के हर मकान के लिए होगा?
Ans : हां।
Q : क्या 2 मंजिला बिल्डिंग में रह रहे दो अलग-अलग परिवारों का अपना अलग डिजिटल एड्रेस कोड होगा?
Ans : हां, हर फ्लैट का अपना अलग डिजिटल एड्रेस कोड होगा।
Q : डिजिटल ऐड्रेस कोड की सूचना कब मिली?
Ans : नवंबर 2021
Q : क्या डिजिटल एड्रेस कोड भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा निर्माण की जा रही है?
Ans : हां।
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