भारत बीपीओ संवर्धन (प्रमोशन) योजना 2023 | India BPO Promotion Scheme in Hindi [Full Form]

भारत बीपीओ संवर्धन योजना 2023 (India BPO Promotion Scheme in Hindi) [Full Form, Eligibility Criteria] meity.gov.in/ibps 

मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही आईटी सेक्टर में युवाओं के लिए 2 महत्वपूर्ण पहलुओं, रोजगार के अवसर उत्पन्न करना एवं तकनीकी की उन्नति आदि को उजागर किया. और उसके बाद देश के आम नागरिकों के विकास के लिए कई योजनाओं का शंखनाद किया. यह हमारे देश के विकास को तय करने के लिए अच्छा तरीका है. भारतीय आईटी उद्योगों को बढ़ावा देने एवं इंटरनेट और टेक्नोलॉजी को फ़ैलाने के लिए डिजिटल इंडिया मूवमेंट की भी शुरुआत की गई. जिसके तहत केंद्र सरकार ने भारतीय बीपीओ संवर्धन योजना को विकसित किया है. हालही में इस योजना के तहत 1 लाख तक सीटों की संख्या बढ़ाये जाने का फैसला किया गया है. इसके अलावा सरकार ने भोपाल में भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय डेटा सेंटर स्थापित करने का भी फैसला किया है.   

India BPO Promotion Scheme

भारत बीपीओ संवर्धन योजना

जानकारी बिंदु (Information Points)योजना की जानकारी (Information)
योजना का नाम (Scheme Name)भारत बीपीओ संवर्धन योजना 2018-19
योजना की घोषणा (Scheme Announcement)इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा
योजना की शुरुआत तारिक (Scheme Launched Date)19 जून, 2018
योजना के सुपरवाइजर (Scheme Supervisor)इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय
योजना का लक्ष्य (Target)2 लाख डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब के अवसर
योजना के लाभार्थी (Beneficiary)बीपीओ एवं आईटी सेक्टर में कंपनी खोलने वाले सभी नागरिक
महत्वपूर्ण तारीख (Important Date)31 मार्च 2019
अधिकारिक वेबसाइट (Official Website)http://meity.gov.in/ibps

भारतीय बीपीओ संवर्धन योजना का उद्देश्य (India BPO Promotion Scheme Objectives)

  • इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए बीपीओ फर्मों की स्थापना एवं 2 – टायर और 3 – टायर शहरों का विकास करना है.
  • इसके अलावा आईटी उद्योग के आधार पर विस्तार करने और बैलेंस्ड क्षेत्रीय विकास को सुरक्षित करने के लिए आईटी / आईटीईएस सेक्टर में निवेश का प्रमोशन भी इस योजना का उद्देश्य है.

भारतीय बीपीओ संवर्धन योजना की विशेषताएँ (India BPO Promotion Scheme Features)

इस योजना की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार है –

बीपीओ एवं आईटी सेक्टर का विकास :-

आईटी और बीपीओ इंडस्ट्री में नये विकास लाने के लिए केन्द्रीय सरकार लोगों को कार्यालय खोलने के लिए प्रेरित कर रही है, जहाँ ऐसी सेवाएं ऑफर की जाएगी. इस प्रोजेक्ट के साथ जो उद्योगपति इस फील्ड में काम शुरू करना चाहते हैं उन्हें बढ़ावा भी दिया जायेगा.

रोजगार के अवसर पैदा करना :-

इस योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के साथ केन्द्रीय सरकार, आईटी और बीपीओ सेक्टर में 2 लाख नई नौकरियों की पेशकश करने में सक्षम होगी.

खुद के शहर में रोजगार :-

इस योजना का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ नये रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है, बल्कि स्माल सिटीज में भी बीपीओ’स को शुरू करने का काम सुनिश्चित करना है. जिससे बड़े शहरों में रह कर काम करने की लोगों की आवश्यकता खत्म जाएगी.

कुल सीटें :-

शुरुआत में इस योजना के तहत 48,300 सीटें उत्पन्न करने का लक्ष्य तय किया गया था. अब, नई घोषणा के साथ इस लक्ष्य को बढ़ा कर 1 लाख सीटें उत्पन्न करने का लक्ष्य तय किया गया है. अब तक, केन्द्रीय सरकार 2 – टायर और 3 – टायर कस्बों में 31,732 सीटों का आवंटन करने में सफल रही है.

डेटा सेंटर शुरू करना :-

सम्बंधित मंत्रालय द्वारा की गई घोषणा में भोपाल शहर में नये राष्ट्रीय डेटा सेंटर के निर्माण का भी जिक्र किया है. एक बार यह पूरा हो गया तो यह राष्ट्र का सबसे बड़ा डेटा सेंटर होगा. अभी 4 डेटा सेंटर पुणे, दिल्ली, हैदराबाद और भुवनेश्वर में स्थित हैं.

कार्यालय के मालिक को वित्तीय सहायता :-

इस योजना के तहत, कोई भी व्यक्ति जो बीपीओ’स या आईटीईएस सेक्टर में ऑफिस खोलना चाहते हैं, उन्हें केन्द्रीय सरकार द्वारा एक बार वित्तीय सहायता दी जाएगी. वे कार्यालय शुरू करने में किये गए व्यय का कुल 50 % तक प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन इस वित्तीय की सेलिंग प्रत्येक सीट के लिए 1 लाख होगी.

विशेष प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के अवसर :-

यदि कार्यालय का मालिक महिलाओं या शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को नौकरी देता है, तो इस योजना के तहत क्रमशः 5% और 2% अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि के साथ इस एक्ट को पुरस्कृत किया जायेगा. इस स्थिति में कुल कर्मचारियों में से 50% महिलाएं होनी चाहिए, और कम से कम 4% विकलांग कर्मचारी होने चाहिए.

बेहतर परिणाम के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन :-

यदि बीपीओ का मालिक ज्यादा नौकरियों के अवसर उत्पन्न करने में सफल होता है, तो वह इस योजना के तहत केन्द्रीय सरकार से अतिरिक्त प्रोत्साहन प्राप्त कर सकता है. इस स्थिति में कार्यालय का मालिक 5% से 10% तक का प्रोत्साहन प्राप्त कर सकता है.

स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करना :-

यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक राज्य के लोग उस क्षेत्र में बने रहें, इसके लिए केन्द्रीय सरकार द्वारा उस सम्बंधित राज्य में स्थित व्यापार मालिकों को नये बीपीओ खोलने के लिए प्रोत्साहित करने पर दबाव डाला जायेगा.

पहाड़ी क्षेत्रों के लिए विशेष विचार :-

यह सभी जानते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पर्याप्त नहीं हैं. जिससे हजारों युवाओं को उचित नौकरियों की तलाश में मैदानी इलाकों में स्थानांतरित होने के लिए मजबूर होना पड़ता है. केन्द्रीय सरकार पहाड़ी क्षेत्रों में व्यवसाय के अवसर उत्पन्न करने के साथ इस ट्रेंड को ख़त्म करना चाहती है. इसके लिए सभी बीपीओ’स के मालिक जो पहाड़ी क्षेत्रों में कार्यालय खोलना चाहते हैं वे विशेष पैकेज प्राप्त कर सकते हैं. यह ऑफर केवल उत्तर-पूर्वी पहाड़ी इलाकों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर राज्यों के लिए हैं.

भारतीय बीपीओ संवर्धन योजना के लिए पात्रता मापदंड (India BPO Promotion Scheme Eligibility Criteria)

इस योजना का हिस्सा बनने के लिए निम्न पात्रता मापदंड को अपनाना बहुत जरुरी है –

  • इस योजना में यह उल्लेख किया गया है कि इसमें केवल प्राइवेट लिमिटेड, लिमिटेड एवं एकल स्वामित्व वाली कंपनियां ही आवेदन करने के लिए सक्षम हैं.
  • इस योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए प्रत्येक कंपनी के पास कम से कम 100 कर्मचारियों की शक्ति होनी अनिवार्य हैं.
  • इस योजना के अनुसार कंपनी कम से कम 3 लगातार वर्षों तक कर्यालय जारी रखने में सक्षम होनी चाहिए.
  • इस ड्राफ्ट योजना में यह भी उल्लेख किया गया है कि पहले के 3 सालों के लिए प्रत्येक आवेदन करने वाली कंपनी का टर्नओवर 2 करोड़ रूपये से कम नहीं होना चाहिये. केवल वे कंपनियां जिनके पास 50 कर्मचारियों की ताकत हो एवं पहाड़ी क्षेत्रों में व्यापार शुरू कर रहें हों इस योजना का लाभ उठा सकते हैं भले ही उनका टर्नओवर 1 करोड़ रूपये ही क्यों न हो.
  • यह योजना छोटे शहरों में बीपीओ कंपनी चालू करने पर जोर देती है. पुणे, बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और एनसीआर जैसे शहरों को इस योजना से बाहर रखा जायेगा. इस प्रकार छोटे शहरों में स्थित कंपनियां इस योजना में दिए जाने वाले वित्तीय एवं अन्य लाभ को प्राप्त करने के लिए सक्षम हैं.

यह योजना कई डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी. साथ ही इससे छोटे शहरों पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा. इन क्षेत्रों में पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान होंगे, जिससे युवाओं को बड़े शहरों में जाकर काम करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. साथ ही ये नये बीपीओ भी उन शहरों में ओवरआल वित्तीय विकास भी करने में सहायक होंगे.

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