किसानों के लिए कृषोन्नति योजना 2022 – 2023 सीसीइए की कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति Krishonnati Yojana for Farmers – Green Revolution in Agriculture Sector by CCEA
कैबिनेट कमिटी ऑन इकनोमिक अफेयर्स (CCEA) ने किसानों के लिए अम्ब्रेला स्कीम के तहत हरित क्रांति कृषोन्नति योजना एप्रूव की हैं. अब ये स्कीम 2017-18 से 2018-19 की अवधि से लेकर 12 वर्ष से ऊपर तक के लिए लगातार चलती रहेगी. इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी जिन्होंने केंद्र सरकार के साथ 33,269.976 करोड़ रूपये के शेयर के साथ योजना को एप्रूव किया हैं. अकेली इस स्कीम के अंतर्गत 11 योजनाए और मिशन आते हैं.इसका प्राथमिक उद्देश्य पूरे कृषि और इससे सम्बन्धित क्षेत्रो का समग्र विकास करना हैं. यह अम्ब्रेला स्कीम किसानों के भले के लिए हैं और इसका पहला कदम “2022 तक किसानों की आय को दुगुना करना हैं”.
केंद्र सरकार किसानों की आय के साथ उताप्द,उत्पादक क्षमता और बेहतर रिटर्न्स में वृद्धि के लिए वैज्ञानिक तरीकों पर भी फोकस करेगी. सरकार इस योजना के लिए 2017-18, 2018-19 और 2019-2020 के लगातार 3 वित्तीय-वर्ष के लिए कुल 33,269.976 करोड़ का खर्च भी ज़ारी रखेगी.
Table of Contents
‘हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना’ से जुड़ी जानकारी-
नाम | कृषोन्नति योजना’ |
किसके द्वारा चलाई गई ये योजना | केन्द्र सरकार |
कुल योजनाएं | 11 योजनाएं |
अवधि | साल 2020 तक |
किस क्षेत्र से जुड़ी है ये योजना | कृषि क्षेत्र |
बजट | 33,26 9.9 76 करोड़ |
कृषोन्नति योजना – हरित क्रांति की विशेषताएं Krishonnati Yojana – Green Revolution
इस योजना को विशेष तौर पर कृषि क्षेत्र के विकास के लिए बनाया गया हैं. 11 विभिन्न योजनाओं से बनी हैं हरित-क्रांति योजना-2018,जो की निम्लिखित हैं.
कृषोन्नति योजना के अंतर्गत योजनाओं की सूचि
मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ़ होर्टिकल्चर
7533.04करोड़ रूपये
होर्टिकल्चर सेक्टर के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए, फार्महाउस में आर्थिक सहयोग के साथ पोषक सुरक्षा बढाने के लिए
नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन
6893.38 करोड़ रूपये
चावल,गेहूं,पल्स,मोटे अनाज,कमर्शियल फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी. ये तब होगा जब जिलों को पहचानते हुए एरिया को एक्सटेंड किया जाएगा और उत्पादक क्षमता को बढाया जाएगा.ये इंडिविजुअल फार्म के स्तर पर मृदा की फर्टिलिटी और उत्पादकता को रीस्टोर करने की क्षमता को बढ़ाने के काम को भी शामिल करेगा. ये वेजिटेबल ऑयल की उपलब्धता को बढ़ाने और खाने वाले ऑयल के आयात को कम करेगा.
नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (NMSA)
3980.82 करोड़ रूपये
सस्टेनेबल एग्रीकल्चर को प्रमोट करने के लिए और एग्रो-इकोलॉजी पर फोकस करने के लिए जिसमें कि इंटीग्रेटेड कृषि भी शामिल होगी,मृदा की प्रभावशाली हेल्थ मैनेजमेंट और रिसोर्स कंजर्वेटिव टेक्नोलॉजी
सबमिशन ओन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन
2961.26 करोड़ रूपये
फूड और न्यूट्रीशनल सिक्योरिटी को अचीव करने के लिए,किसानो के सामजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए, इंस्टीट्यूशनल लेवल प्रोग्राम प्लानिंग और इम्प्लीमेंटेशन मैकेनिज्म. विभिन्न स्टॉक होल्डर्स के बीच सहयोग और प्रभावी लिंकेज के लिए. एचआरडी इंटरवेंशन को सपोर्ट करने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया के इनोवेटिव उपयोग को प्रमोट करने के लिए, इंटर-पर्सनल कम्युनिकेशन और आईसीटी टूल इत्यादि.
सब-मिशन ओन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल
920.6 करोड़ रूपये
क्वालिटी सीड के प्रोडक्शन को बढ़ाना,एसआरआर को बढ़ाना,सीड मल्टीप्लीकेशन चेन को मजबूत करना,सीड प्रोडक्शन में नयी तकनीक को प्रमोट करना,प्रोसेसिंग,टेस्टिंग. ये अभी एक्टिविटीज सीड प्रोड्क्शन,स्टोरेज,प्रमानीकरण और क्वालिटी के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी.
सब-मिशन ओन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल
920.6 करोड़ रूपये
क्वालिटी सीड के प्रोडक्शन को बढ़ाना,एसआरआर को बढ़ाना,सीड मल्टीप्लीकेशन चेन को मजबूत करना,सीड प्रोडक्शन में नयी तकनीक को प्रमोट करना,प्रोसेसिंग,टेस्टिंग. ये अभी एक्टिविटीज सीड प्रोड्क्शन,स्टोरेज,प्रमानीकरण और क्वालिटी के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी.
सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनिज्म (SMAM)
3250 करोड़ रूपये
फार्म मेकेनाईजेशन को छोटे और सीमान्त किसानों तो पहुँचाने के लिए जिससे कि पर्याप्त पॉवर सप्लाई हो सके, इंडिविजुअल ओनरशिप की हाई कॉस्ट को कम करने के लिए कस्टम हाइरिंग सेंटर को प्रमोट करने के लिए,हाई-टेक और हाई वेल्यू फ़ार्म उपकरणों के लिए और परफॉरमेंस टेस्टिंग को सुनिश्चित करने के लिए
सबमिशन ऑन प्लांट प्रोटेक्शन एंड प्लान क्वारेंटाईन (SMPPQ)
1022.67 करोड़
इन्सेक्ट पेस्ट बीमारियों, वीडस, निमेटोड्स और रोड़ेन्ट्स के कारण होने फसलों को होने वाले नुक्सान को कम करने के लिए. प्राथमिक उद्देश्य भारतीय कृषि उत्पादों को ग्लोबल मार्केट तक पहुँचाना हैं और प्लांट्स की सुरक्षा के लिए नई स्ट्रेटेजी को अपनाना हैं
इंटीग्रेटेड स्कीम ओन एग्रीकल्चर सेन्सस,इकोनॉमिक्स एंड स्टेटिस्टिक्स(ISACES)
730.58 करोड़ रूपये
इसका लक्ष्य कृषि सेंसस को अंडरटेक करना हैं क्रॉप कल्टीवेशन कॉस्ट का अध्ययन करना हैं,एग्रो-इकनोमिक प्रोब्लम्स पर शोध करना,एग्रीकल्चरल स्टेटिस्टिक्स की प्रणाली को इम्प्रूव करना,फसलों की स्थिति और उत्पादन और बीज बोने से लेकर कटाई तक की पदानुक्रमति जानकारी को बनाना
इंटीग्रेटेड स्कीम ओन एग्रीकल्चरल कोऑपरेशन (ISAC)
1902.636 करोड़ रूपये
कोओपरेटिवज के आर्थिक स्थिति को सुधारने और बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाना-मार्केटिंग,प्रोसेसिंग,स्टोरेज,कम्प्यूटराइजेशन और कार्यक्रम के कमजोर कड़ियों में कोआपरेटिव डेवलपमेंट के लिए
इंटीग्रेटेड स्कीम ओन एग्रीकल्चरल मार्केटिंग (ISAM)
3863.93 करोड़ रूपये
ग्रेडिंग,क्वालिटी सर्टिफिकेशन,सेंट्रल मार्केटिंग इन्फो नेटवर्क की स्थापना,कॉमन ऑनलाइन प्लेटफार्म के द्वारा मार्केट का इंटीग्रेशन करना
नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान (NeGP-A)
211.06 करोड़ रूपये
यह योजना विभिन्न प्रोग्राम्स में सर्विस नीति,एक्सटेंशन सर्विस तक पहुँच और प्रभाव में बढ़ोत्तरी करने के के लिए,किसानों को जानकारी और सेवाए देने के लिए,मौजूदा राज्य और केंद्र सरकारों में आईसीटी इनीशीएटीव को बढाने और इन्टीग्रेट करने के लिए बनाई गयी हैं.
ऊपर दी गयी योजनाएं उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करने के लिए,प्रोडक्शन कॉस्ट को घटाने के लिए और कृषि उत्पादों को बढाने के लिए बनाई गयी हैं.केंद्र सरकार पहले से ही इन सभी योजनाओं को काफी सालों से चला रही थी. 2017-18 में सरकार ने इन सभी योजनाओं को एक साथ करने का फैसला किया हैं जो कि हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना हैं.
CCEA की मीटिंग में हुए अन्य निर्णय
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन-विकास कार्यक्रम को लांच किया. मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम को पुन: बनाया.
CCEA ने ये भी एप्रूव किया कि लोगों को अच्छी हेल्थ केयर के लिए 2020 तक के वित्तीय वर्ष के लिए प्रधानमन्त्री स्वास्थ सुरक्षा योजना को ज़ारी रखा जाएगा. इसमें नए एम्स के निर्माण और सरकारी मेडिकल कॉलेज के विकास के मुद्दे भी शामिल होंगे. केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए इन्वेस्टमेंट लिमिट को प्रधानमंत्री वाया वन्दन योजना (PMVVY) के अंतर्गत 7.5 लाख से 15 लाख तक दुगुना भी कर दिया हैं और अब PMVVY 2018 स्कीम को 4 मई 2018 से 31 मार्च 2020 तक बढ़ा भी दिया हैं. इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष से उपर के नागरिकों को 10,000 तक की महीने की पेंशन दी जाएगी.
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