किसान रेल योजना क्या है 2023 ऑनलाइन बुकिंग, ट्रैन लिस्ट, रजिस्ट्रेशन Kisan Rail

पीएम किसान रेल योजना क्या है 2023 ऑनलाइन बुकिंग, ट्रैन लिस्ट, रजिस्ट्रेशन Kisan Rail Yojana In Hindi पहली किसान रेल कब चली

किसानों द्वारा किये जाने वाले उत्पादन जैसे फलों, सब्जियों, एवं अन्य विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थों को देश में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में ले जाने के लिए ट्रक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था बहुत अच्छी नहीं थी, इसमें काफी ज्यादा समय एवं पैसा दोनों लगते थे. और इससे बहुत सारी खाद्य सामग्री अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचने से पहले ही ख़राब हो जाती थी. इससे किसानों को उसका सही मूल्य ही मिल पाता था. किन्तु अब सरकार ने किसानों की मदद करने के लिए ‘किसान रेल सेवा’ शुरू की है. इसके तहत किसानों के लिए एक ट्रेन चलाई जा रही हैं जिससे किसान देश में किसी भी कोने में अपने खाद्य सामग्री को आसानी से पहुंचाकर उसका अच्छा मूल्य अर्जित कर सकते हैं. इस किसान रेल सेवा से क्या – क्या लाभ किसानों को मिलेगा इसकी जानकारी आप यहाँ इस लेख में देख सकते हैं.

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Table of Contents

किसान रेल (Kisan Rail) सेवा के लांच की जानकारी

नामकिसान रेल योजना
घोषणा की गईबजट 2019-20 में
लांच की गईरेल मंत्री पियूष गोयल जी द्वारा
लांच करने का तरीकावीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये
लाभार्थीदेश के किसान
संबंधित विभाग / मंत्रालयरेल मंत्रालय एवं कृषि मंत्रालय
टैग लाइनखुशहाल किसान समृद्ध राष्ट्र

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किसान रेल योजना की विशेषताएं (Kisan Rail Yojana)

किसान रेल सेवा का उद्देश्य :-

केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए इस रेल सेवा को शुरू किया गया हैं, जिसका उद्देश्य हैं सही सलामत विभिन्न खाद्य सामग्री को देश में एक स्थान से दूसरे स्थान में पहुँचाना वो भी रियायती दरों में.

किसान रेल योजना के तहत दी जाने वाली सुविधा :-

इस पहल के तहत किसानों को यह सुविधा डी जा रही हैं कि वे अपने क्षेत्र का कोई भी उत्पाद देश के किसी भी कोने में पहुंचा सकते हैं.

पहली किसान रेल :-

पहली किसान रेल सेवा को महाराष्ट्र के देवलली यानि कि नासिक से शुरू किया गया हैं जोकि बिहार के दानापुर तक जायेंगी.

किसना रेल की समय सारणी Kisan Rail Timing:-

किसान रेल महाराष्ट्र के देवलली से 11 बजे सुबह निकली है और यह बिहार के दानापुर में दूसरे दिन शाम 6.45 मिनिट पा पहुंचेंगे. और यह साप्ताहिक आधार पर चलेगी, किन्तु राज्य एवं किसानों की मांग के अनुसार इसे बढ़ाया भी जा सकता है.

कुल दूरी :-

किसान रेल महाराष्ट्र के देवलली से बिहार के दानापुर तक पहुंचेंगी. इसके लिए उस ट्रेन को कुल मिलाकर 31 घंटे का समय लगाते हुए 1,519 किलोमीटर की दूरी तय करना होगा.

सामान / उत्पाद :

पहली किसान रेल में महाराष्ट्र से सब्जी एवं फलों के साथ ही अंगूर एवं प्याज जैसे उत्पादों को लेकर जाया गया है. और बिहार से अगले दिन यह पान, मखाना, ताजा सब्जियां और मछली आदि उत्पादों को लेकर आयेगी. हालांकि किसान इच्छा निसान कोई भी माल को इसमें लाद सकते हैं.

कुलिंग सुविधा :

इस ट्रेन में फ्रोज़न कंटेनर बनाये गये हैं जिसमें ऐसे खाद्य पदार्थों को रखा जायेगा जोकि जल्दी ख़राब हो जाते हैं जैसे कि सब्जी एवं फल, मछली, मांस, दूध आदि और भी इसी तरह के खाद्य पदार्थ. इस ट्रेन की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें 17 टन की क्षमता है. इससे किसान इन सामग्री को बिना किसी परेशानी के अच्छे से किसी भी जगह पहुंचा सकते हैं.

ट्रेन का निर्माण :

किसानों के लिए शुरू की गई इस स्पेशल ट्रेन का निर्माण रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में किया गया है.

पहली किसान रेल के स्टॉपेज (Kisan Rail Route)

यह ट्रेन नासिक रोड से रवाना होती हुई मनमाड, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज, छिउकी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर स्टेशन में रुकेगी और अंत में बिहार के दानापुर में पहुंचेगी.

किसान की आय में वृद्धि :-

सरकार द्वारा शुरू की गई इस किसान रेल सेवा से किसानों की आय में वृद्धि हो सकेगी, क्योकि किसान अपना उत्पादन समय पर एवं सही रूप में गंतव्य स्थान तक पहुंचा सकते हैं. इससे उन्हें अच्छ मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी.

व्यापारियों को लाभ :-

सरकार की इस सेवा से न सिर्फ किसानों को लाभ होगा बल्कि किसान जिन व्यापारियों को अपना माल बेचेंगे उन्हें भी इससे काफी लाभ मिल सकेगा. यह रेल जिस जिस स्टेशन से होकर गुजरेगी वहां के किसानों एवं व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा.        

किसान रेल का प्रति टन किराया :-

इस योजना के तहत किसानों को अपने माल को जैसे फल, सब्जियां, दूध आदि और भी वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने के लिए प्रति टन के आधार पर किराया देना होगा. जैसे कि नासिक रोड जिसे देवलली भी कहा जाता है वहां से दानापुर तक के लिए 4001 रूपये प्रतिटन, मनमाड से दानापुर तक के लिए 3849 रूपये प्रतिटन, जलगाँव से दानापुर तक के लिए 3513 रूपये प्रतिटन, भुसावल से दानापुर के लिए 3459 रूपये प्रतिटन, बुरहानपुर से दानापुर के लिए 3323 रूपये एवं खंडवा से दानापुर के लिए 3148 रूपये प्रतिटन किराया देना होगा. 

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देश में जो भी किसान इस रेल में यात्रा करके अपने उत्पादन को एक स्थान से दूसरे स्थान में पहुँचाना चाहता है, उन्हें ऑनलाइन बुकिंग के रजिस्ट्रेशन के लिए थोड़ा वेट करने की आवश्यकता है. क्योकि इसके लिए अभी पोर्टल नहीं बनाया गया है और न ही रजिस्ट्रेशन की जनकारी दी गई है. जल्द ही इसके लिए एक अधिकारिक वेबसाइट का निर्माण किया जायेगा, जिसमें जाकर आप अपना रजिस्ट्रेशन कराकर ट्रेन की टिकेट बुक कर सकेंगे. और इस तरह से इस योजना का लाभ उठा सकेंगे.

इस तरह से किसानों के लिए सरकार ने यह एक बहुत बड़ी पहल की हैं इससे किसानों के साथ ही व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा. इस ट्रेन के लिए पहला सुझाव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी द्वारा दिया गया था. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने अपने पहले बजट भाषण में इसकी घोषणा की. किन्तु कोरोनाकाल के चलते इस ट्रेन के शुरू होने में काफी समय लग गया. किन्तु अब फाइनली यह ट्रेन शुरू हो गई है. और अब लोग एक क्षेत्र के देश के दूसरे क्षेत्र के उत्पादों तक पहुँच बनाने में सक्षम हो सकेंगे.

FAQ’s

Q : किसान रेल योजना क्या है ?

Ans : खाद्य सामग्री जैसे सब्जी फल आदि और भी चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान में सही सलामत पहुंचाने के लिए किसानों के लिए शुरू की गई ट्रेन सेवा है.

Q : किसान रेल की शुरुआत किसने की ?

Ans : रेल मंत्री पियूष गोयल जी ने

Q : पहली किसान रेल कहां से कहां तक चल रही है ?

Ans : महाराष्ट्र के देवलली यानि नासिक से बिहार के दानापुर तक.

Q : किसान रेल की खासियत क्या है ?

Ans : इसमें फ्रोज़न कंटनेर लगाये गये हैं जिसमें सब्जी एवं फलों जैसे जल्द ख़राब होने वाली चीजें सुरक्षित एवं ताज़ी रहेगी.

Q : किसान रेल में टिकेट का किराया कितना होगा ?

Ans : अभी इसकी जानकारी नहीं है लेकिन यह रियायती ही होगा.   

Q : पहली किसान रेल कब चली?

Ans 7 अगस्त 2020

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